रचना अभी-अभी ! ‘अक्षय तृतीया यानी, अक्षर-ब्रह्म-प्रबंध। परशुराम-प्राकट्य का, इस तिथि से संबंध।। -अज़हर हाशमी

ब्राह्मणों से आराध्य देव भगवान श्री परशुराम के प्राकट्य दिवस और अक्षय तृतीया पर कवि और लेखक प्रो. अज़हर हाशमी द्वारा अभी-अभी लिखे गए ये दोहे आपके ध्यानार्थ। पसंद आएं तो इन्हें आगे भी बढ़ाइये।

रचना अभी-अभी ! ‘अक्षय तृतीया यानी, अक्षर-ब्रह्म-प्रबंध। परशुराम-प्राकट्य का, इस तिथि से संबंध।। -अज़हर हाशमी
अक्षय तृतीया और श्री परशुराम प्राकट्य दिवस पर विशेष।

परशुराम और अक्षय तृतीया का संबंध

1

परशुराम हैं वीरता, सत्य-न्याय के पंथ।

परशुराम का अर्थ है, शौर्य-शक्ति के ग्रंथ।।

 2

अक्षय तृतीया यानी, अक्षर-ब्रह्म-प्रबंध।

परशुराम-प्राकट्य का, इस तिथि से संबंध।।

3

अक्षय तृतीया शुभता, का है पावन प्रतिमान।

मेष राशि में रहता, इस तिथि में दिनमान।।

4

अक्षय तृतीया गणेश, का गहरा संबंध।

महाभारत लेखन में, वेदव्यास अनुबंध।।

 5

साढ़े तीन शुभ मुहूर्त, में इस तिथि का नाम।

करें अगर शुभ कार्य तो, शुभ होंगे परिणाम।

6

अक्षय तृतीया देती, यह पावन संदेश।

शुभ सोच-शुभ कर्मों से, शुभ होगा परिवेश।।

अज़हर हाशमी

(रचनाकार ख्यात कवि, साहित्यकार, व्यंग्यकार, प्रवचनकार, ज्योतिषी हैं। आपने परशुराम जी के प्राकट्य दिवस और अक्षय तृतीया के खास अवसर के लिए आज ही कुछ ही पल पहले ये दोहे लिखे हैं।)