हे राम ! ये क्या कर डाला, पानी पर ताला क्यों डाला, यह भारतीय रेलवे है या ईस्ट इंडिया कंपनी

हैंडपंप पर डाला दाला। रेलवे ने हैंडपंप पर डाला ताला। गर्मी में राहगीर प्यास से बेहाल। रतलाम रेल मंडल का कृत्य। भारतीय रेलवे है या ईस्ट इंडिया कंपनी।

हे राम ! ये क्या कर डाला, पानी पर ताला क्यों डाला, यह भारतीय रेलवे है या ईस्ट इंडिया कंपनी
बिलपांक के पास रेलवे द्वारा स्थित हैंडपंप जिस पर रेलवे ने ताला जड़ दिया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैंडपंप पर लगे ताले का फोटो, राहगीर ने रेलवे की संवेदनशीलता पर उठाया सवाल

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सोशुल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है। इसमें एक हैंडपंप पर ताला लगा नजर आ रहा है। बिलपांक के पास रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित इस हैंडपंप के बारे में एक राहगारी ने सोशल मीडिया के माध्यम से रेलवे के उच्चाधिकारियों तक बात पहुंचाने का प्रयास किया है। उक्त यहां ज्यों कि त्यों दी जा रही है..., आप भी देखें हैंडपंप पर ताला लगाने की यह वायरल पोस्ट..

चित्र बिलपांक के पास स्टेशन वाले रेलवे फाटक का है। इस हैंडपंप पर ताला देखकर आपको आश्चर्य हो रहा होगा। स्वाभाविक है, मुझे भी हुआ था आश्चर्य।

दरअसल, यह हैंडपंप भारतीय रेलवे का है, जिस पर रेलवे द्वारा उच्च अधिकारियों के निर्देश पर ताला लगा दिया गया है। मेरे द्वारा पूछने पर वहां उपस्थित फाटक कर्मचारी (गेटमन) ने कहा कि- रतलाम से लेकर मऊ तक जितने भी रेलवे के हैंडपंप हैं उन सभी पर ताला लगा दिया गया है। जवाब समझ से परे था?

मन में प्रश्न उठा कि- यह भारतीय रेलवे हैं या अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी जिसने पानी पर भी ताला लगा दिया है। 

रेलवे फाटक ट्रेन के आने पर दिनभर आधा से एक घंटा बंद रहती है। गर्मी में भयंकर प्यास लग रही थी, लेकिन हैंडपंप पर ताला लगा हुआ था।

पास में ही आदिवासी क्षेत्र से मजदूरी करने आए मजदूरों का एक डेरा था। उन लोगों से मैंने चर्चा की तो उन्होंने कहा कि पहले हम इसी हैंडपंप से पीने के लिए पानी भरते थे परंतु रेलवे के साहब लोगों ने हैंडपंप पर ताला लगा दिया है। इससे हमें 1 किलोमीटर दूर से पानी भरकर पीने के लिए लाना पड़ रहा है।

यकीन, मानिए बहुत गुस्सा आया कि अभी पत्थर उठाऊं और गांधी जी की तरह एक मुट्ठी नमक उठाकर जैसे गांधी जी ने नमक आंदोलन की शुरुआत की थी, वैसे ही मैं रेलवे द्वारा लगाए गए उस ताले को तोड़ दूं। परंतु कानूनी बाध्यताओं के कारण चाह कर भी ऐसा कर ना सका।

भीषण गर्मी में जहां लोग जगह-जगह पर प्याऊ लगाकर जल सेवा कर रहे हैं, ऐसे वक्त में रेलवे ने हैंडपंप पर ताला लगा कर यह साबित कर दिया कि वह अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी से भी बढ़कर है।

मैं इस पोस्ट के माध्यम से जनप्रतिनिधियों से निवेदन करता हूं कि पानी पर लगाया गया पहरा जल्द हटाया जाए।

कुं. तोफानसिंह सोलंकी

चौराना (जिला रतलाम)