काल बनी बाइक ! बाइक सवार की लापरवाही ने पूर्व विधायक लाहलिंग देवदा की ले ली जान, अंतिम संस्कार 8 नवंबर को

तेज रफ्तार बाइक की टक्कर से घायल रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा के पूर्व विधायक लाहलिंग देवदा की मौत हो गई। अंतिम संस्कार 8 नवंबर को होगा।

काल बनी बाइक ! बाइक सवार की लापरवाही ने पूर्व विधायक लाहलिंग देवदा की ले ली जान, अंतिम संस्कार 8 नवंबर को
बाइक की टक्कर से सैलाना के पूर्व विधायक लाहलिंग देवदा का निधन।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । एक बाइक सवार की लापरवाही ने सैलाना के पूर्व विधायक लाहलिंग देवदा की जान ले ली। घर के बाहर टहलने के दौरान बाइक सवार ने देवदा को टक्कर मार दी थी। इससे गंभीर घायल पूर्व विधायक का वडोदरा में इलाज चल रहा था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। मृतक के भतीजे ने सैलाना थाने पर आरोपी बाइक चालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई है।

पूर्व विधायक 70 वर्षीय लाहलिंग देवदा निवासी ग्राम छावनी भाभर बाजना 5 नवंबर की शाम को अपने घर के बाहर सड़क पर टहल रहे थे। इसी दौरान बाजना की तरफ से आए एक व्यक्ति ने लापरवाहीपूर्वक बाइक चलाते हुए देवदा को पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में देवदा गंभीर घायल हो गए थे। उनके चेहरे और सहित शहीर के अन्य हिस्सों में चोट आई थी। परिजन पहले उन्हें बाजना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां से उन्हें रतलाम रैफर किया गया था। यहां उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया था जहां से उन्हें वडोदरा रैफर किया गया था। वडोदरा में इलाज के दौरान देवदा ने शुक्रवार शाम को दम तोड़ दिया। उनका अंतिम संस्कार शनिवार सुबह होगा।

दो लोग सवार थे बाइक पर

पूर्व विधायक देवदा को टक्कर मारने के बाद आरोपी चालक बाइक मौके पर ही छोड़ कर भाग गया था। घटना की जानकारी देवदा के भतीजे लक्ष्मण ने बाजना थाने पर दी थी। उन्होंने बताया था कि जिस बाइक से हादसा हुआ उस पर दो लोग सवार थे। पुलिस ने अज्ञात बाइक चालक के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।

प्रभुदयाल गहलोत का टिकट काटकर कांग्रेस ने दिया था टिकट

बता दें कि कांग्रेस ने 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में लाललिंग देवदा को सैलाना विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था। इससे तत्कालीन विधायक प्रभुदयाल गेहलोत नाराज हो गए थे और उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। वहीं जनता दल ने भेरूसिंह डामर को टिकट दिया था। इस चुनाव में देवदा ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी डामर को पराजित किया था।

दूसरी बार नहीं मिली विजय

कांग्रेस ने 1998 चुनाव में भी देवदा को ही सैलाना विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया। जनता दल ने भी भेरूसिंह डामर पर भरोसा जताया। वहीं प्रभुदयाल गहलेत ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस बार गेहलोत सफल रहे और वे जनता दल के डामर को पराजित कर विधायक बने। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी देवदा तीसरे स्थान पर रहे।

कांग्रेस छोड़ भाजपा का थामा दामन

1998 के चुनाव में पराजित होने लाहलिंग देवदा ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था। इसी दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप सिंह भूरिया ने भी कांग्रेस छोड़ी थी। ये दोनों ने ही बाद में भाजपा का दामन थाम लिया था। हालांकि, देवदा का भाजपा का मोह भंग हुआ और वे फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे। देवदा स्वभाव से सरल थे और पूर्व मुख्यमंत्री दिवग्विजय सिंह के करीबी माने जाते थे। देवदा के निधन से क्षेत्र में शोक लहर व्याप्त है।