मिसाल बनी अंतिम विदाई ! सुशीला दिवेकर बनीं रतलाम की पहली ऐसी देहदानी जिन्हें मिला गार्ड ऑफ ऑनर, नेत्रदान भी हुए
रतलाम में पहला देहदान दिवेकर परिवार ने किया। 77 वर्षीय सुशीला दिवेकर ने नेत्रदान और देहदान कर नई मिसाल कायम की। प्रशासन और पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी।

77वर्षीय सुशीला दिवेकर के नेत्रदान और देहदान करवा कर दिवेकर परिवार ने रचा इतिहास
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के बचाय अपने चिकित्सकीय प्रोफेशन को सर्वोपरि मानते हुए चिकित्सा अधिकारी डॉ. रवि दिवेकर ने अपनी माता सुशीला दिवेकर की पार्थिव देह दान कर दी। इससे पहले 77 वर्षीय दिवेकर के नेत्रदान भी कराए गए। प्रशासन और पुलिस ने ऐसी देहदानी को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी। शासकीय मेडिकल कॉलेज की डीन और वरिष्ठ चिकित्सकों ने इसे अनुकरणीय इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाली घटना बताया।
ये देहदानी चिकित्सा अधिकारी डॉ. रवि दिवेकर, पूर्व प्रधानाध्यापक पराग दिवेकर, सैलाना विकासखंड की बीएसी स्मिता शुक्ला, मंदिरा वानखेड़े का माता एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि दिवेकर, पत्रकार नीरज कुमार शुक्ला एवं व्यवासायी नयन वानखेड़े की सासू मां थी। तबीयत बिगड़ने पर सुशीला दिवेकर को गुरुवार देर शाम पहले रॉयल हॉस्पिटल और उसके बाद आशीर्वाद नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया था। यहां चिक्तसकों ने उनका उपचार शुरू किया लेकिन सफलता नहीं मिली और उन्होंने देर रात अंतिम सांस ली।
रात 3.10 बजे हुए नेत्रदान
पत्रकार नीरज कुमार शुक्ला ने देर रात ही काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव एवं जिला रोगी कल्याण समिति सदस्य गोविंद काकानी को दिवेकर परिवार द्वारा दिवंगत सुशीला दिवेकर के नेत्रदान और देहदान करवाने की इच्छा बताई। काकानी ने तत्काल बड़नगर से डॉ. ददरवाल से संपर्क साधा और गंगासागर निवास पहुंच कर रात 3.10 बजे नेत्रदान संपन्न करवाए। काकानी ने कलेक्टर राजेश बाथम को रतलाम से पहला देहदान दिवेकर परिवार की ओर से होने की जानकारी दी। कलेक्टर ने एसपी अमित कुमार और सीएमएचओ डॉ. संध्या बेलसरे को देहदानी को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ साथ अंतिम विदाई देने के लिए निर्देशित किया।
निवास पर पहुंच गार्ड ऑफ ऑनर दिया
शुक्रवार दोपहर करीब 12.00 बजे गंगासागर स्थित निवास पर पुलिस ने कलेक्टर की प्रतिनिधि सीएमएचओ डॉ. बेलसरे की मौजूदगी में दिवेकर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद परिजन ने दिवंगत दिवेकर की पार्थिवदेह शासकीय मेडिकल कॉलेज में डीन डॉ. अनीता मूथा तथा पूर्व डीन व एनाटॉमी विभाग के प्रमुख डॉ. जितेंद्र गुप्ता को सौंप दी। इस दौरान पूर्व सीएमएचओ डॉ. पुष्पेंद्र शर्मा व डॉ. आनंद चंदेलकर सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन मौजूद रहे। यहां पुष्पांजलि और श्रद्धांजलि सभा के बाद देहदानी परिवार को मेडिकल कॉलेज की ओर से प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
इतिहास में लिखा जाएगा यह देहदान- डॉ. मूथा
मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. मूथा ने कहा कि यह देहदान रतलाम के इतिहास में लिखा जाएगा क्योंकि यह पहला देहदान है जिसे गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया है। सीएमएचओ डॉ. बेलसरे ने चिकित्सा जगत से जुड़े सभी लोगों को इससे प्रेरणा लेने का आह्वान किया। पूर्व सीएमएचओ डॉ. शर्मा एवं डॉ. चंदेलकर ने देहदान को महादान बताया। दिवंगत दिवेकर की नातिन एमबीबीएस की छात्रा विधि वानखेड़े ने देहदान को अपने जैसे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी और प्रेरणादायी बताया। नेत्रम् संस्था के सुशील मीनू माथुर ने भी संबोधित किया। समाजसेवी गोविंद काकानी दिवेकर परिवार, प्रशासन, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के प्रति आभार प्रदर्शित किया।
इन्होंने दी श्रद्धांजलि
गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने और देहदान के दौरान रेडक्रॉस के चेयरमैन प्रीतेश गादिया, संचालक हेमंत मूणत, नेत्रम संस्था के नवनीत मेहता और भगवानदास डलवानी, मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र गुप्ता, डॉ. राजेंद्र सिंगरौले, डॉ. विजय चौहान, डॉ. अनिल पटेल, डॉ. पुनीत शर्मा, डॉ. मणाल अनंत संभाजी, डॉ. प्रवीण कुमार भारती, डॉ. गड़ाला निशांत, लोकेश वैष्णव, सुरेश तंवर, पूर्व पार्षद जितेंद्र सिंह राठौर (छोटू बना), टेक्नीशियन पुनीत शर्मा, हरिओम नागर, अवनीश प्रताप सिंह, छोगालाल प्रजापत, सुनील महावर, राजकुमार बंदोड़िया, प्रहलाद उमरे, आदित्य वानखेड़े, अनंत शुक्ला, संजय निनामा सहित अन्य उपस्थित रहे और श्रद्धासुमन अर्पित किए।