बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत कार्यशाला आयोजित, प्रसव पूर्व भ्रूण लिंग परीक्षण पर रोक लगाने पर हुआ विमर्श

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान तथा पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें भ्रूण हत्या रोकने को लेकर विचार-विमर्श किया गया।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत कार्यशाला आयोजित, प्रसव पूर्व भ्रूण लिंग परीक्षण पर रोक लगाने पर हुआ विमर्श
कार्यशाला को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ अन्तर्गत् पीसीपीएनडीटी कार्यशाला सह जिला टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन मंगलवार को जिला पंचायत सभागृह में किया गया। इस मौके पर बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ तथा महिला सुरक्षा व संरक्षा पर बने जागरूकता रथ को हरी झंडी देकर रवाना किया गया। हरी झंडी जिला पंचायत सीईओ डॉ. अमन वैष्णव ने दिखाई।

 सदन में डॉ. अदिति राठौर, डॉ. सुनीता वाधवानी, डॉ. शिखा अग्रवाल, सरला वर्मा (मीडिया ऑफिसर), डॉ. आशा सराफ, डॉ. मनीषा माहेश्वरी, एओ भास्कर खिंची, वन स्टॉप प्रशासक शंकुतला मिश्रा आदि विशेष रूप से उपस्थित रहीं। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा ने आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की। बीबीबीपी एवं हब की नोडल अधिकारी कुमारी अंकिता पण्ड्या ने भारत शासन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दौरान ‘महिला अधिकार’ हेतु जारी पीपीपीटी विस्तृत रूप से सदन में उपस्थित अधिकारियों, डॉक्टर्स के समक्ष प्रदर्शित की। वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक मिश्रा ने वन स्टॉप सेंटर से संबंधित जानकारियां दीं।

भ्रूण हत्या रोकने के लिए डॉक्टरों ने दिया यह सुझाव

महिला रोग विशेषज्ञों ने भ्रूण हत्या रोकने के लिए भारत सरकार से हेल्प लाइन नंबर चाहा ताकि जब भी सोनोग्राफी सेंटर पर कोई महिला प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण के लिए आए तो उसके आधार नंबर की जानकारी हेल्पलाइन नंबर पर दी जा सके। बताया गया कि जब महिला प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण से मना किया जाता है तो वह अन्य स्थान पर कहीं न कहीं सोनोग्राफी के लिए चली जाती है। भारत में बेटी जन्म को स्वीकार करने के लिए मानसिकता परिवर्तन की आवश्यकता है। महिला अधिकतर परिवार में पति या अन्य सदस्यों के दबाव में प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण के लिए मजबूर होती है। कई बार तो पति द्वारा यहां तक धमकाया जाता है कि यदि पुत्र को जन्म नहीं दिया तो पति विवाह विच्छेद कर देगा। ऐसे में आधार नंबर से महिला हितग्राही को ट्रैस किया जा सकता है। इससे जहां महिला को सुरक्षा मिलेगी वहीं भ्रूण हत्या को रोका जा सकेगा। नतीजतन समाज बेटी जन्म का स्वीकार करने के लिए बाध्य होगा।

ये रहे उपस्थित

कार्यक्रम के दौरान जिले के डॉक्टर, सोनोग्राफी सेंटर के प्रबंधक, जिला टास्क फोर्स समिति के सदस्य, महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी, सुपरवाईजर, वन स्टॉप प्रशासक, वन स्टॉप रतलाम का पूरा स्टाफ, बीबीबीपी सेक्शन लिपिक, हब कार्यालय की नॉमिनेट लेखापाल यशोदाकुंवर राजावत सहित अन्य उपस्थित रहे। पीपीपीटी का प्ले सुमित अम्बेकर ने किया। संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी सिन्हा ने किया। आभार सहायक संचालक अंकिता पण्ड्या ने माना।