पति का सहयोग नहीं मिलने से परेशान थी पत्नी, अहमदाबाद से रतलाम आकर जिला अस्पताल में भर्ती हो गई और फिर हो गया ऐसा
पति की बेरुखी से मायूस एक महिला बीमार होकर रतलाम जिला अस्पताल में भर्ती हो गई। यहां अस्पताल स्टाफ और समाजसेवी गोविंद काकानी ने उसकी मदद की।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । नाम : लीला। पति : रमेश गहलोत। निवासी : ग्राम उदरेल, तहसील दसकोई, जिला अहमदाबाद (गुजरात)। घटना : लीला अपनी 8 माह की मासूम बच्ची के साथ घर से रक्षाबंधन के दिन ट्रेन से अहमदाबाद रवाना हुई थी। 4 दिन बाद वह रतलाम आ गई। तबीयत खराब होने से वह जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बीमारी की हालत में भर्ती हो गई।
अस्पताल के स्टाफ के माध्यम से लीला के बारे में जिला रोगी कल्याण समिति के सदस्य गोविंद काकानी को पता चली। उन्होंने लीला से वापस आने का कारण पूछा। इस पर लीला ने उन्हें बताया कि वह अहमदाबाद में नहीं रहना चाहता है। वह पति रमेश के पास बांसवाड़ा (राजस्थान) ही रहना है। इस पर काकानी ने लीला के पति रमेश से संपर्क किया लेकिन उसने नौकरी से छुट्टी नहीं होने की बात कही। यह सुनकर लीला दिनभर रोती रही।
समाजसेवी काकानी के अनुसार पति से सहयोग नहीं मिलने पर अस्पताल चौकी प्रभारी अशोक शर्मा ने काल कर रमेश को समझाया। उन्होंने साफ कहा कि यदि वह नहीं आ रहा है तो उसके विरुद्ध पुलिस में रिपोर्ट कर दी जाएगी। पुलिस तुम्हें वहां से लेकर आएगी। तब जाकर रमेश देर रात रतलाम पहुंचा।
मासूम बच्ची की मुस्कान देख दूर हो गए पति-पत्नी के गिले शिकवे
यहां जैसे ही उसने अपनी नन्हीं बेटे के चेहरे की मुस्कान को देखा तो वह उसके दिल को छू गई। उसने बच्ची को गोद में उठा लिया और दुलार करने लगा। थोड़ी देर में पति-पत्नी के गिले-शिकवे भी दूर हो गए। एक दिन बाद पूर्ण स्वस्थ होने पर रमेश, पत्नी लीला और बच्ची को लेकर बांसवाड़ा रवाना हो गया। जाते समय उसने समाजसेवी काकानी, जिला चिकित्सालय आइसोलेशन वार्ड के डॉक्टर, स्टाफ, अस्पताल चौकी प्रभारी अशोक शर्मा आदि के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।