यह आसान नहीं था : डार्कवेब के जरिये क्रिप्टो करेंसी में निवेश की आड़ में चल रहा ठगी का नेटवर्क रतलाम पुलिस ने किया क्रैक, ठगे गए 39 लाख रुपए करवाए फ्रीज

रतलाम पुलिस को MTFE एप के माध्यम से हुई धोखाधड़ी की तह तक पहुंचने में सफलता मिली है। तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

यह आसान नहीं था : डार्कवेब के जरिये क्रिप्टो करेंसी में निवेश की आड़ में चल रहा ठगी का नेटवर्क रतलाम पुलिस ने किया क्रैक, ठगे गए 39 लाख रुपए करवाए फ्रीज
एमटीएफई के माध्यम से हुई ठगी के बारे में जानकारी देते एसपी राहुल कुमार लोढ़ा।

MTFE एप के माध्यम से हो रही ठगी की जांच में रतलाम पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 3 धोखेबाज और गिरफ्तार

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम पुलिस ने एक बड़े हाईटेक अपराध की तह तक पहुंचने में सफलता हासिल की है। डार्कवेब के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दुरुपयोग करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित ठगी के नेटवर्क MTFE को पुलिस ने क्रैक कर लिया है। पुलिस ने फर्जी MTFE कंपनी का प्रचार कर लाखों-करोड़ों ठगने वाले दो प्रमोटर और एक फर्जी कंपनी के मालिक को भी गिरफ्तार किया है। बड़ी बात यह है कि किसी भी तरह के नियंत्रण से मुक्त नेटवर्क में घुसकर क्रिप्टो करेंसी में निवेश और अधिक रिटर्न का लालच देककर लोगों से ठगे गए 39 लाख रुपए फ्रीज भी करवा दिए हैं।

ऐसा करने वाली रतलाम पुलिस मध्य प्रदेश ही नहीं, अपितु देश की पहली सुरक्षा इकाई है जिसने यह चुनौती भरा काम कर दिखाया है। जिस तरीके की यह धोखाधड़ी है उसे देखते हुए इसकी तह तक जा पाना आसान नहीं है। यह संभव हो सका है रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा की सूझबूझ के चलते। रविवार को पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसपी लोढ़ा ने इस नए तरह के अपराध और इसके तरीके की सिलसिलेवार जानकारी दी। उन्होंने बताया एमटीएफई एप के माध्यम से आमजन से अवैध तरीके से रुपए जमा कराने और अधिक रुपए का लालच देकर फ्रॉड करने का मामला पिछले दिनों सामने आया था। मामले में जावरा के औद्योगिक क्षेत्र थाने में धारा 406, 420, 120 (बी) भादंवि, 21(1), 21(2) एवं 21(3) अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम 2019 के तहत केस दर्ज किया गया था।

तीन नए आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे, इनमें से एक फर्जी कंपनी का मालिक है

एसपी ने बताया प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ, कॉल डिटेल, बैंक खातों की जानकारी, तकनीकी साक्ष्य के आधार पर फर्जीवाड़े की पड़ताल के लिए एक टीम गठित की गई। एएसपी राकेश खाखा एवं जावरा सीएसपी दुर्गेश अर्मो, रतलाम सीएसपी अभिनव वारंगे के मार्गदर्शन में सायबर सेल, औद्योगिक क्षेत्र एवं स्टेशन रोड थाना प्रभारियों के नेतृत्व में टीम बनी। पड़ताल के दौरान मुखबिर सूचना और फोटो के आधार पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने अपना नाम योगानन्दा बांबोरे चंद्रशेखर राव पिता चंद्रशेखर राव (41), निवासी फ्लैट नंबर 102 द्वितीय तल, 0258 ललिता गौरी जयानगर, थाना जयानगर, बैंगलुरू (कर्नाटक) बताया। योगानंदा बैंगलुरू में संचालित फर्जी कलीन कंपनी का मालिक है। इसी दौरान रतलाम के धभाईजी का वास निवासी अशरफ पिता रौनक अली (30) की रिपोर्ट पर आरोपी गोविंद सिंह चंद्रावत निवासी जवाहरनगर एवं संदीप टांक (40) निवासी प्रतापगढ़ (राजस्थान) को भी गरफ्तार किया।

ईडी और अन्य जांच एजेंसियों को करेंगे शामिल

एसपी लोढ़ा ने बताया कि MTFE एप व ऐसे ही अन्य तरीकों से होने वाली यह ठगी डार्कवेब के जरिए की जा रही है। यहां ऐसे लेन-देन (निवेश) में केवायसी का सिस्टम नहीं होने से धोखाधड़ी आसानी से हो जाती है और पकड़ में नहीं आती। इस पर कहीं भी, किसी भी देश में किसी तरह का कोई नियम-कानून लागू नहीं है। इस कारण इस सिस्टम को समझने और कार्रवाई में काफी समय और मशक्कत लगी। अगर इस तरह का निवेश करने वाले लोग सामने आते हैं तो बड़ी कार्रवाई संभव हो सकेगी। मामले में ईडी और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों से भी पत्राचार किया जाएगा। मामले में बांग्लादेश, सिंगापुर और मलेशिया आदि देशों ने भी इस दिशा में जांच शुरू की है।

जानिए, कैसे हो रही आप के साथ ठगी

स्टेप-1 : MTFE के नेटवर्क से जुड़े अपराधी (प्रमोटर्स) आम आदमी क्रिप्टो करेंसी में निवेश और भारी रिटर्न का प्रलोभन देते हैं। भरोसा दिलाने के लिए अपने अथवा एक-दो अन्य लोगों के निवेश को बढ़ते हुए दर्शाने वाले फर्जी वीडियो भी दिखाते हैं। इससे व्यक्ति उनके झांसे में आ जाता है।

स्टेप-2 : प्रमोटर व्यक्ति को MTFE का एप डाउनलोड करवाता है और उसके माध्यम से ऑनलाइन निवेश के लिए प्रेरित करता है। इससे आम आदमी निवेश की प्रक्रिया शुरू करता है और TRC-20 नेटवर्क (धोखाधड़ी के लिए डार्कवेब के माध्यम से संचालित एक नेटवर्क) के एक एकाउंट में ट्रांजेक्शन करता है। ऐसा करने के दौरान एआई मोड सक्रिय हो जाता जिससे सारे एक्सेस दूसरे पक्ष को मिल जाता है। इससे चंद सेकंड में उसकी राशि नेटवर्क के ही अन्य एकाउंट (MTFE) में पहुंच जाती है।

स्टेप-3 : TRC-20 नेटवर्क के दूसरे एकाउंट में निवेश होते ही उसे डॉलर में बदलकर क्रिकप्टो करेंसी एक्सचेंज करने वाले प्लेटफॉर्म Binance, Huobl, Oick आदि तक क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए पहुंचा दिया जाता है। ये लीगल प्लेटफॉर्म क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज की तरह क्रिप्टो करेंसी बेचने और खरीदने का काम करते हैं।

स्टेप-4 : क्रिप्टो करेंसी में निवेश हुए आम आदमी के रुपए के इस प्रक्रिया से गुजरने के दौरान केवाईजी जैसी अनिवार्यता खत्म हो जाती है। इसके बाद MTFE नेटवर्क से जुड़े लोग क्रिप्टो करेंसी को पुनः डॉलर में बदल कर नेटवर्क की ही हिस्सेदार फर्जी कंपनी में पहुंचा दिया जाता है। Kalin ऐसी ही कंपनी है जिसके मालिक योगानंदा को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है।

स्टेप-5 : Kalin कंपनी से उक्त निवेश सीधे फ्रॉड करने वाले के एकाउंट में और उसके बाद फ्रॉड करने वाले के पास पहुंच जाता है। इधर, निवेश करने वाला आम आदमी अपने निवेश के बढ़ने और ज्यादा रिटर्न की आस लगाए बैठा रहता है।

…ताकि झूठ पर कायम रहे आमआदमी का भरोसा

एसपी लोढ़ा ने बताया कि MTFE के प्रमोटर्स Binance जैसे प्लेटफॉर्म में होने वाले निवेश को बढ़ते हुए दिखाने वाले वीडियो दिखा देते हैं। इन्हें देखकर लोग यकीन कर लेते हैं और निवेश कर देते हैं। जबकि धोखेबाज प्रमोटर उसका पैसा Binance के बजाय MTFE से संबंधित एकाउंट और वॉलेट में निवेश करवाते हैं। भरोसा जीतने के लिए क्रिकेट मैच सहित अन्य इवेंट में इसका विज्ञापन भी दिखवाया जाता है। ऐसा ही विज्ञापन श्रीलंकन क्रिकेट लीग 2023 के दौरान स्कोर बोर्ड और स्क्रीन पर देखने को मिला था।

धोखाधड़ी उजागर होते ही एप बंद, जगह भी शिफ्ट

एसपी लोढ़ा ने बताया कि एमटीएफई के माध्यम से धोखाधड़ी उजागर होते ही एप की गतिविधि को फिलहाल बंद कर दिया गया है। परंतु ठगों ने इसी नाम से अन्य एप बनाकर काम शुरू कर दिया। उन्होंने पहले इसका संचालन सिंगापुर से शुरू किया और बाद में कामकाज स्पेन में शिफ्ट कर लिया।

आपने भी किया है ऐसा निवेश, तो सावधान, तत्काल पुलिस को बताएं

एमटीएफ एप डाउनलोड कर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या काफी है। एसपी के अनुसार ऐसे करीब 10 लाख 68 हजार एकाउंट का पता चला है जिसके माध्यम से आजमन को फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया। ठगी का आंकड़ा करोड़ों में है। हालांकि पुलिस के पास अभी गिनती के मामले ही आए हैं। मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही धोखाधड़ी में लगा रुपया वापस ले पाना लगभग असंभव है। बावजूद रतलाम पुलिस को 39 लाख रुपए फ्रीज कराने में सफलता मिली।

एसपी लोढ़ा ने सभी लोगों से अपील की है कि जिन्होंने भी MTFE में निवेश किया है वे तत्काल पुलिस को अवगत कराएं। एसपी ने क्यूआर कोड का एक नमूना जारी किया है। ऐसा क्यूआर कोड MTFE द्वारा लोगों को दिया जाता है। एसपी ने बताया कि इसमें TRC-20 का एड्रेस है। अतः हमारे द्वारा जारी फॉर्मेट में जानकारी दर्ज कर अपने नजदीकी थाने पर जमा कराए। इसके लिए थानों पर पृथक से डेस्क स्थापित की है। इससे उनके द्वारा MTFE में किए गए निवेश का पता कर राशि को फ्रीज कराने में सफलता मिलेगी।

नीमच और मन्दसौर के हजारों लोगों का पैसा फंसा

बता दें कि, MTFE एक ट्रेडिंग एप है। अन्य एप की तरह इसमें भी ट्रेडिंग होती है। इसमें सबसे ज्यदा निवेश नीमच और मन्दसौर जिलों के लोगों ने किया था। यहां MTFE निवेश अभियान चला रही थी। कमीशन ने लालच में लगातार लोग इस ट्रेडिंग एप से जुड़ रहे थे। लोगों ने बिना सोचे-समझे इसमें लाखों रुपए निवेश कर दिए। अब रुपया अटक गया है।