सिविक सेंटर रजिस्ट्रीकांड की गिरी गाज : रतलाम नगर निगम आयुक्त गहरवार सस्पेंड, आर्थिक अनियमितता के आरोप में हुई कार्रवाई, अनिल भाना को सौंपी कमान

राजीव गांधी सिविक सेंटर रजिस्ट्री कांड और अन्य आर्थिक अनियमितता के आरोपों के चलते रतलाम नगर निगम आयुक्त एपीएस गहरवार को निलंबित कर दिया गया है। आयुक्त के रूप में अनिल भाना को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सिविक सेंटर रजिस्ट्रीकांड की गिरी गाज : रतलाम नगर निगम आयुक्त गहरवार सस्पेंड, आर्थिक अनियमितता के आरोप में हुई कार्रवाई, अनिल भाना को सौंपी कमान
एपीएस गहरवार एवं अनिल भाना।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । आर्थिक अनियमितता और भर्जीवाड़े के आरोपों में घिरे रतलाम नगर निगम के अयुक्त अखिलेश प्रताप सिंह गहरवार को निलंबित कर दिया गया है। राजीव गांधी सिविक सेंटर के भूखंडों की औने-पौने दाम में नगर निगम परिषद अथवा एमआईसी को अवगत कराए बिना ही कराने पर सामान्य नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने कार्रवाई की है। इसी मामले को लेकर इससे पहले उपायुक्त विकास सोलंकी को भी हटा दिया गया था और उनसे सभी विभागों का काम छीन लिया गया था। आयुक्त के रूप में कलेक्टर द्वारा अनिल भाना को पदस्थ किया गया है।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के रतलाम पहुंचने से पहले ही रतलाम नगर निगम के आयुक्त एपीएस गहरवार के निलंबन का आदेश भी जारी हो गया था। इसकी भनक 11.25 बजे ही रतलाम के कुछ लोगों को लग गई थी। उन्होंने इस बारे में मीडिया से जुड़े साथियों से पूछताछ भी शुरू कर दी थी। हालांकि किसी के पास आदेश की प्रति उपलब्ध नहीं होने से कोई भी इस बारे में दावा नहीं कर पा रहा था। कुछ ही समय बाद यह सूचना सही साबित हो गई। आयुक्त गहरवार के निलंबन का आदेश नगर विकास एवं आवास विभाग उप सचिव हर्षल पंचोली के हस्ताक्षर से जारी हुआ है। इसी साल मई में सेवानिवृत्त होने वाले गहरवार को शासन ने आर्थिक अनियमितताओं की शिकायतों के चलते निलंबित कर दिया।

आदेश में स्पष्ट उल्लेख राजीव गांधी सिविक सेंटर का

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि संचालनालय द्वारा जांच प्रतिवेदन सौंपा गया है जिसके अनुसार रतलाम के सिविक सेंटर में 22 प्लॉट की रजिस्ट्री एमआईसी अथवा परिषद से अनुमति प्राप्त किए बिना ही करवा दी गई। रजिस्ट्री की कार्यवाही अधिकारियों एवं खरीददारों के मध्य कूटरचित तरीके से रजिस्ट्री होना प्रतीत होती है। जांच प्रतिवेदन में कई अन्य गंभीर अनियमितताएं भी होने की बात सामने आई है। यही वजह है कि आयुक्त को तुरंत प्रभाव से नगर पालिक निगम आयुक्त अखिलेश गहरवार को निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में गहरवाल का मुख्यालय कार्यालय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग उज्जैन रहेगा। निलंबन की अवधि के दौरान नियमन अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता भी रहेगी।

अनिल भाना बने आयुक्त

गहरवार को हटाए जान के बाद नवागत कलेक्टर ने संयुक्त कलेक्टर अनिल भाना को नगर निगम आयुक्त के रूप में काम संभालने के आदेश जारी किए हैं। भाना ने देर शाम नगर निगम पहुंच कर प्रभार संभाल लिया। बता दें कि, भाना जावरा एसडीएम के रूप में पदस्थ थे उन्हें किसानों से अभद्रता के मामले में सीएम डॉ. मोहन यादव ने हटाया था।

काफी पुराना है नगर निगम का 'पितलिया प्रेम'

गौरतलब है कि निलंबित हुए आयुक्त एपीएस गहरवार के विरुद्ध रतलाम के राजेश सक्सेना द्वारा 2017 में की गई एक शिकायत के मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो में एफआईआर दर्ज है। सक्सेना ने शिकायत दर्ज कराई थी कि नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त, महापौर और विकास शाखा द्वारा सांठ-गांठ कर शासकीय प्रयोजन की जमीन महज 10 रुपए प्रति वर्ग फीट के मान से कॉलोनाइजर राजेंद्र पितलिया को आवंटित कर दी गई है। यह मामला अब तक विचाराधीन है। बता दें कि राजीव गांधी सिविक सेंटर में हुए रजिस्ट्री कांड में भी नगर निगम के साधारण सम्मेलन के दौरान भाजपा पार्षद शक्तिसिंह राठौर द्वारा राजेंद्र पितलिया से ही सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुए सभी रजिस्ट्रियां निरस्त करने की मांग रखी थी। इसके चलते ही पूरे सदन ने एकमत होकर सिविक सेंटर की सभी 22 रजिस्ट्रियां निरस्त करने और रजिस्ट्री संपादित कराने वाले उपायुक्त विकास सोलंकी को हटाने को लेकर प्रस्ताव पारित किया था। परिषद द्वारा उक्त अयमितता को लेकर राज्य शासन को भी लिखा गया था।