जीवन युद्ध जैसा, सत्य को मत भूलो, यदि भूले तो यह युद्ध जीत नहीं पाओगे- स्वामी अवधेशानंद गिरीजी

जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरीजी ने रतलाम में हनुमंत धाम विधायक सभागृह बरबड़ में प्रभु प्रेमी संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रेरक प्रवचन दिए।

जीवन युद्ध जैसा, सत्य को मत भूलो, यदि भूले तो यह युद्ध जीत नहीं पाओगे- स्वामी अवधेशानंद गिरीजी
जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरीजी रतलाम में प्रेरक प्रवचन देते हुए।

जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरीजी ने दिए प्रेरक प्रवचन, शुक्रवार को देंगे मंत्र दीक्षा

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । आजकल व्यक्ति कल्पनाएं भी कैसी कैसी करता है, कि देव सत्ता उसके नियंत्रण में रहे। नभ, जल, आकाश उसके नियंत्रण में रहे और जो अनंत है वह भी नियंत्रित रहे, लेकिन यह सत्य नहीं है। स्मन को कल्पनाओं में नहीं स्मृतियों में ले जाओ। स्मृतियों में जाएंगे, तो पाएंगे कि अनेक महापुरुष प्रेरणादायी हैं, हमारे पितृ पक्ष भी उन्हीं में शामिल हैं। श्राद्ध पक्ष में अपने पूर्वजो का स्मरण करें। पूर्व काल के स्मरणसे उर्जा मिलती है।

जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरीजी ने हनुमंत धाम विधायक सभागृह बरबड़ में प्रभु प्रेमी संघ द्वारा आयोजित प्रेरक प्रवचन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मन विविध कल्पनाएं करने वाला होता है। उसके पास कई स्मृतियां भी होती हैं, जो अच्छी और बुरी दोनों होती हैं। देश, काल, समय और परीस्थितियां कभी एक से नहीं रहते। सूचना तकनीक और संचार की क्रांति ने आज सबका जीवन बदल दिया है। दशकों पहले हमारा जीवन क्या था और आज क्या, यह देखेंगे तो बहुत अंतर पाएंगे। इसलिए मन को कल्पनाओं से परें रखकर स्मृतियों में विचरण कराना चाहिए।

उन्होंने कहा आज व्यक्ति अपने विषयों के कारण दुखी है। विषयों की आसक्ति से निवृत्ति पाना है तो वीतराग महापुरुषों का स्मरण करना चाहिए। यह व्यक्ति की सोच की फसल ही होती है जो जैसा सोचता है, वो वैसा बनाती है। इसलिए श्राद्ध पक्ष में महापुरुषों का स्मरण करने का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि सत्य का कभी विस्मरण नहीं होता। ईश्वर ने भी कहा है सदैव सत्य के पास रहो। आज संसार में वही दुखी है जो सत्य के पास नहीं है। स्वामीजी ने कहा व्यक्ति दिनभर का श्रम दुखी,चिंतित, भयभीत होने के लिए नहीं करता। जीवन युद्ध जैसा होता है। यदि सत्य को भूले तो यह युद्ध जीत नहीं पाएँगे। भारत देश धन्य है जिसका परमात्मा ही सत्य नारायण है। हर व्यक्ति को ऐसे प्रयास करते रहना चाहिए जिससे सत्य जीवन में आ सके।

बढ़ रहा भारत का गौरव 

स्वामीजी ने कहा कि लंदन प्रवास के दौरान उन्हें सूचना मिली कि आर्थिक दृष्टि से भारत पांचवीं पायदान पर आ गया है और इंग्लैंड छठे नंबर पर पंहुच गया है। देश के लिए यह गर्व की बात कि यूरोप को अधिकांश दवाइयां भारत से निर्यात की जा रही हैं। दुनिया में भारत का गौरव लगातार बढ़ रहा है। उन्हें देश की पुलिसिंग पर गर्व है और इस बात का भी गर्व है कि इस देश की संस्कृति सबको अपना मानती है।

गौसेवा, तुलसी, सूर्य का महत्व बताया

स्वामीजी ने प्रेरक प्रवचन में तुलसी, सूर्य, गौसेवा का महत्व बताते हुए महापुरुषों का सत्संग करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ विभाग की हाल ही में एक एडवाइजरी जारी हुई है, जिसमें सूर्य को अर्ध्य देने को कहा गया है। इससे विटामिन डी मिलेगा और व्यक्ति सदैव स्वस्थ रहेगा। उगते सूरज को प्रणाम कर, अर्ध्य देना ही सार्थक रहेगा। इसी प्रकार तुलसी का एक पत्ता भी शरीर को बल देता है। स्वामीजी ने कहा गौ माता की सेवा सर्वोपरी है। इसलिए गाय को रोटी देने का कार्य भी करते रहें इससे असीम पुण्य प्राप्त होता है।

पद्मश्री डॉ. लीला जोशी ने किया शुभारंभ

प्रेरक प्रवचन का शुभारंभ पद्मश्री डॉ. लीला जोशी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। स्वामीजी का स्वागत विधायक चेतन्य काश्यप, महापौर प्रहलाद पटेल, निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, प्रभु प्रेमी संघ अध्यक्ष हरीश सुरोलिया ने किया। संचालन पूर्व अध्यक्ष कैलाश व्यास ने किया। इस अवसर पर ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र व जिला प्रभारी श्यामसुंदर शर्मा आदि उपस्थित रहे। शुक्रवार को स्वामीजी हनुमंत धाम में सुबह 10 बजे मंत्र दीक्षा देंगे।