ऐसे मिला बच्चे को परिवार : पिता का निधन हुआ तो मां ने दूसरी सादी कर ली, मौसी संग रतलाम आया और बिछड़ गया, तब पुलिस और समाजसेवी बने मददगार

मौसी के साथ रतलाम आया 12 वर्षीय बच्चा परिजन से बिछड़ गया। ऐसे में समाजसेवी और पुलिस ने मददगार बनकर बच्चे को फिर से परिवार से मिलवा दिया।

ऐसे मिला बच्चे को परिवार : पिता का निधन हुआ तो मां ने दूसरी सादी कर ली, मौसी संग रतलाम आया और बिछड़ गया, तब पुलिस और समाजसेवी बने मददगार
थांदला से मौसी के साथ रतलाम आया बच्चा जो पुलिस और समाजसेवी की मदद से पुनः अपने परिजन के पास पहुंच गया।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । किसी भी बच्चे की जिंदगी में माता-पिता का होना बहुत जरूरी है लेकिन इस 12 साल के बच्चे के पिता का निधन हो गया और मां ने दूसरी शादी कर ली। छोटी सी उम्र में मिले इस दर्द को मौसी ने कम किया। वह मौसी के साथ रतलाम आया तो उनसे भी बिछड़ गया। गनीमत रही कि रोते-बिलखते बच्चे पर रतलाम के समाजसेवियों की नजर पड़ गई और उन्होंने पुलिस की मदद से उसे फिर से परिवार से मिलवा दिया।

यह दास्तान हैं एक 12 साल के बच्चे की जो रतलाम शहर के शहर सराय क्षेत्र में अकेला बैठा सिर्फ रोए जा रहा था। तभी समाजसेवी दुर्गेश धाकड़ और बंटी की उस पर नज़र पड़ी। दोनों ने बच्चे को चुप कराने का काफी प्रयास किया लेकिन वह रोए ही जा रहा था। अतः दुर्गेश और बंटी ने काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी से मोबाइल फोन पर संपर्क साधा और बच्चे के बारे में बताया। काकानी ने उसे तुरंत जिला अस्पताल स्थित पुलिस चौकी लेकर आने के लिए कहा।

सिर पर संघ की टोपी के बारे में पूछा तो बोल पड़ा बच्चा

दुर्गेश और बंटी बच्चे को लेकर जिला अस्पताल की पुलिस चौकी लेकर पहुंचे। यहां चौकी प्रभारी अशोक शर्मा एवं आरक्षक कलसिंह मईड़ा की उपस्थिति में बच्चे को उसकी पसंद का नाश्ता करवाया गया। बच्चे ने सिर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की टोपी पहन रखी थी। अतः समाजसेवी गोविंद काकानी ने उससे सीधे यही पूछ लिया कि उसे यह टोपी कहां से मिली। बच्चे को लेकर वह अब सुरक्षित हाथों में अतः उसने बताना शुरू कर दिया। बच्चे ने कहा कि उसे यह टोपी संघ से मिली थी और इसे पहनकर वह गांव में निकले पथ संचलन में भी शामिल हुआ था। इस तरह शुरू हुआ बात का सिलसिला आगे बढ़ता गया और बच्चे ने अपना नाम और घर का पता भी बताया। बच्चे ने बताया कि वह बजरंगगढ़ रेलवे स्टेशन से आगे रंगपुर गांव का रहने वाला है। थाना क्षेत्र थांदला और जिला झाबुआ लगता है।

बड़ी मां (मौसी) के साथ आया रतलाम

बच्चे ने बताया कि वह आज सुबह अपनी बड़ी मां (मौसी) के साथ मेमू ट्रेन से रतलाम आया था। बड़ी मां उसे यहां बैठने का कह कर कहीं चली गई। इसके बाद वह बड़ी मां से बिछड़ गया। यह पता चलते ही काकानी ने रंगपुरा गांव के चौकीदार राजेश से संपर्क किया और उसके घर तक खबर भिजवाई। इस बीच दोपहर करीब 3:00 बजे यह भी पता चला कि दीनदयालनगर क्षेत्र में उसके परिवार के सदस्य भी रहते हैं।

बिछड़ा बच्चा सकुशल मिलने पर आभार जताया

दीनदयालनगर निवासी परिजन से संपर्क करने पर उन्होंने भी बच्चे के बारे में पुष्टि की। यह बताया कि बच्चे के विता का निधन हो गया है और मां ने दूसरी शादी कर ली है। इसलिए यह अपनी मौसी के पास रहता है और न जाने कैसे आज सुबह रतलाम आते समय उनसे बिछड़ गया। बच्चे के परिजन जिला अस्पताल पहुंचे और उसे अपने साथ दीनदयालनगर ले गए जहां से वह अपनी मौसी के साथ अपने गांव लौट जाएगा। इस तरह बिछड़े बच्चे को सकुशल पाकर परिवार के सदस्यों ने समाजसेवी गोविंद काकानी, दुर्गेश धाकड़, बंटी, प्रधान आरक्षक अशोक शर्मा, आरक्षक कलसिंह मईड़ा का दिल से आभार व्यक्त किया।