'सुनें सुनाएं' का 18वां सोपान आज, गीत, ग़ज़ल, कविता और लघुकथा का पाठ होगा, जानिए- कौन किसकी रचना का करेगा पाठ

रचनात्मक वातावरण बनाने के लिए सुनें-सुनाएं के 18वें सोपान में इस बार गीत, ग़ज़ल और कविता के साथ ही लघुकथा भी सुनने को मिलेगी।

'सुनें सुनाएं' का 18वां सोपान आज, गीत, ग़ज़ल, कविता और लघुकथा का पाठ होगा, जानिए- कौन किसकी रचना का करेगा पाठ
सुनें-सुनाएं-18 3 मार्च को।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर में रचनात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से विगत डेढ़ वर्ष से ‘सुनें सुनाएं’ कै आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का 18वां सोपान 3 मार्च (रविवार) को सुबह 11 बजे जी. डी. अंकलेसरिया रोटरी क्लब एनेक्सी हाल पर होगा। इस बार गीत, ग़ज़ल और कविता के साथ ही लघुकथा का पाठ भी होगा। 

आयोजन में कोई अपनी रचना का पाठ नहीं करता है। अपने प्रिय रचनाकार की रचना का पाठ भी बिना किसी भूमिका के पढ़ी जाती हैं। यह समय पर शुरू होकर समय पर समाप्त होने वाला आयोजन है। इस बार 10 रचनाप्रेमी अपने प्रिय रचनाकार की रचना का पाठ करेंगे। इनमें सिद्दीक़ रतलामी द्वारा ताहिर फ़राज़ की रचना 'दिन वो भी क्या थे' का पाठ, प्रो. दिनेश राजपुरोहित द्वारा अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' की रचना 'जागो प्यारे' का पाठ, नरेन्द्र त्रिवेदी द्वारा योगेश की रचना 'कहां तक ये मन को अंधेरे छलेंगे' का पाठ, इन्दु सिन्हा द्वारा डॉ. जयकुमार 'जलज' की लघुकथा 'हासिल' का पाठ, डॉ. मनोहर जैन द्वारा प्रो. जयकिरण जोशी की रचना 'तुम्हें क्या लेना-देना है' का पाठ किया जाएगा।

इसी तरह अनीता दासानी मनु वैशाली की रचना ‘आंगन तक को श्राप लगेगा’ का पाठ, डॉ. गीता दुबे द्वारा अज्ञात रचनाकार की रचना 'कहां खो गई वो चिट्ठियां' का पाठ, डॉ. कविता सूर्यवंशी द्वारा डॉ. जयकुमार 'जलज' की रचना 'शिकायत' का पाठ, डॉ. खुशबू जांगलवा द्वारा डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला की रचना 'कितना भरोसा है बहन बेटियों पर' का पाठ, करणजीत सिंह द्वारा डॉ. शिवमंगलसिंह 'सुमन' की रचना 'वरदान माँगूँगा नहीं' का पाठ किया जाएगा। 'सुनें सुनाएं' ने शहर के रचना प्रेमियों से उपस्थिति का आग्रह किया है।